
इस दिन मां शीतला की पूजा का विशेष विधान है। उन्हें स्वच्छता और आरोग्यता की देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों को रोगों से बचाती हैं। यह पर्व विशेष रूप से बच्चों के स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली के लिए मनाया जाता है।
शीतला अष्टमी पर मां को अर्पित करें ये विशेष भोग
- मीठे चावल: चावल को गुड़ और दूध में पकाकर बनाया जाता है। इसे प्रसाद में अर्पित करने से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
- पूड़ी: गेहूं के आटे से बनी पूड़ियां देवी को अर्पित की जाती हैं। मान्यता है कि इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- हलवा: सूजी या आटे से बना मीठा हलवा देवी को अर्पित करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
- गुलगुले: आटे और गुड़ से बने मीठे पकौड़े देवी को अर्पित करने से समृद्धि आती है और घर में खुशहाली बनी रहती है।
भोग अर्पण के लाभ
माना जाता है कि शीतला माता को इन भोगों का प्रसाद चढ़ाने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अच्छा स्वास्थ्य, धन-समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
शीतला अष्टमी 2025: पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां शीतला की विधिपूर्वक पूजा करें और उन्हें ठंडा भोजन अर्पित करें।
- इस दिन नया भोजन नहीं बनाया जाता, बल्कि एक दिन पहले का बना भोजन ही प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
- घर के बाहर नीम की पत्तियों का तोरण लगाया जाता है, क्योंकि नीम में औषधीय गुण होते हैं और यह घर को रोगों से मुक्त रखने में सहायक माना जाता है।
निष्कर्ष
शीतला अष्टमी न केवल धार्मिक बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ा पर्व भी है। इस दिन व्रत और पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि और बीमारियों से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां शीतला को प्रसन्न करने के लिए भोग अर्पित करना न भूलें और इस शुभ अवसर का पूर्ण लाभ उठाएं।
जय माता दी!