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भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने हाल ही में कर्नाटक की प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका और भरतनाट्यम नृत्यांगना शिवश्री स्कंदप्रसाद से विवाह किया। विवाह समारोह पारंपरिक वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ, जिसमें परिवार के सदस्य और करीबी मित्र शामिल हुए।

विवाह के बाद, बेंगलुरु के गायत्री विहार, पैलेस ग्राउंड में 9 मार्च को एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की संभावना थी।

स्वागत समारोह से पूर्व, तेजस्वी सूर्या ने एक वीडियो संदेश जारी कर मेहमानों से अनुरोध किया कि वे उपहार स्वरूप फूलों के गुलदस्ते या सूखे मेवे न लाएं। उन्होंने बताया कि शादियों में दिए गए लगभग 85% फूल और गुलदस्ते 24 घंटे के भीतर फेंक दिए जाते हैं, जिससे बड़ी मात्रा में व्यर्थता होती है। इसके अलावा, हर साल शादियों में लगभग 3,00,000 किलोग्राम सूखे मेवे बच जाते हैं, जिनका संभावित दान मूल्य 315 करोड़ रुपये है। इसलिए, उन्होंने मेहमानों से इन उपहारों के बजाय आशीर्वाद और शुभकामनाएं देने का आग्रह किया।

तेजस्वी सूर्या के इस अनुरोध पर दक्षिण भारत पुष्पकृषि संघ ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संघ के अध्यक्ष टी.एम. अरविंद ने कहा कि एक जिम्मेदार नेता द्वारा इस प्रकार की टिप्पणी अनुचित है और उन लाखों किसानों की कड़ी मेहनत को कमजोर करती है जो अपनी आजीविका के लिए फूलों की खेती पर निर्भर हैं। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में लगभग 38,000 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती की जाती है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 11 लाख लोगों को रोजगार मिलता है।

तेजस्वी सूर्या और शिवश्री स्कंदप्रसाद की इस नई जीवन यात्रा के लिए हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि उनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो।

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