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Flag Code: स्वतंत्रता दिवस पर कई लोग अपनी बाइक या कार पर तिरंगा लगाए हुए दिखाई देते हैं. लेकिन हर किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार केवल कुछ लोगों को अपने मोटर वाहन पर तिरंगा फहराने का कानूनी अधिकार है. आइए जानते हैं उस लिस्ट में कौन-कौन शामिल है.

गाड़ी पर तिरंगा, 3 साल की जेल... हर किसी के पास नहीं झंडा लगाने की पावर, जान लें क्या है नियम

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15 अगस्त से पहले भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान की शुरूआत कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लोगों को तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी ‘harghartiranga.com’ पर अपलोड करने की अपील की थी. लेकिन राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल और प्रदर्शन को लेकर नियम-कानून हैं. इनके उल्लंघन पर सजा का प्रावधान है.

स्वतंत्रता दिवस पर अक्सर लोग अपनी बाइक या कार पर तिरंगा लगा लेते हैं. लेकिन हर किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार केवल कुछ लोगों को अपने मोटर वाहन पर तिरंगा फहराने का कानूनी अधिकार है.

किनके पास वाहन पर तिरंगा लगाने की पावर?

नेशनल फ्लैग कोड कहता है कि तिरंगे को कहीं भी लगाते वक्त उसकी केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए. इसके अलावा फटा या मैला-कुचैला ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के झंडारोहण में क्या फर्क है?

अब बात करते हैं कि कौन लोग अपनी गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकते हैं. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के पैराग्राफ 3.44 के अनुसार, मोटर कारों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेषाधिकार केवल इन व्यक्तियों तक ही सीमित है-

  • राष्ट्रपति
  • उप-राष्ट्रपति
  • राज्यपाल और उपराज्यपाल
  • भारतीय मिशन पदों के प्रमुख
  • प्रधानमंत्री
  • कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री
  • किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री
  • लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष और केंद्र शासित प्रदेश
    भारत के मुख्य न्यायाधीश
  • उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश

नियम तोड़ने पर कितनी सजा?

नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराने या हाथ में झंडा लेकर चलने की आजादी है. लेकिन प्राइवेट गाड़ियों पर झंडा लगाना कानूनन अपराध है. अगर कोई इसका दोषी पाया जाता है तो उसे पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसके अनुसार भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान करने पर व्यक्ति को 3 साल तक की जेल, या जुर्माना, या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं.

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