by-Ravindra Sikarwar
नई दिल्ली: पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी समूहों द्वारा किए गए हमलों के बीच तीन भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया है। इस घटना ने भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है, जिसने इन भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
अपहरण की घटना:
यह घटना माली के दक्षिणी हिस्से में हुई, जहाँ सुरक्षा स्थिति पिछले कुछ समय से अस्थिर बनी हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, तीनों भारतीय एक खनन परियोजना से जुड़े थे, जब उन्हें आतंकवादी तत्वों द्वारा अगवा कर लिया गया। अपहर्ताओं की पहचान अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन माली में सक्रिय अल-कायदा से संबद्ध समूह, विशेष रूप से जमात नस्र अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM), ऐसे अपहरणों में शामिल रहे हैं।
अल-कायदा ने हाल ही में माली के विभिन्न हिस्सों में कई आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसमें सैन्य ठिकानों और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इन हमलों का उद्देश्य क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत करना है। इसी अशांत माहौल का फायदा उठाकर इन भारतीय नागरिकों का अपहरण किया गया है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया:
जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, भारत सरकार हरकत में आ गई। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि उन्हें माली में तीन भारतीय नागरिकों के अपहरण की सूचना मिली है। भारत सरकार ने माली में अपने दूतावास और अन्य राजनयिक चैनलों के माध्यम से स्थानीय अधिकारियों के साथ तत्काल संपर्क स्थापित किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम माली सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं और अपहृत भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।” भारत ने माली सरकार से इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने और बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
माली में सुरक्षा स्थिति:
माली पिछले एक दशक से अधिक समय से राजनीतिक अस्थिरता, सैन्य विद्रोह और इस्लामी आतंकवाद से जूझ रहा है। देश का उत्तरी और मध्य भाग विशेष रूप से आतंकवादी समूहों की मजबूत पकड़ में है, जो अक्सर अपहरण, हिंसा और जबरन वसूली जैसी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (MINUSMA) की मौजूदगी के बावजूद, सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े समूहों ने माली और पूरे साहेल क्षेत्र में अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है। ये समूह स्थानीय आबादी को आतंकित करते हैं, सरकारी नियंत्रण को चुनौती देते हैं और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते हैं ताकि फिरौती या राजनीतिक लाभ हासिल किया जा सके।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं:
यह पहली बार नहीं है जब माली में भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया गया है। अतीत में भी इस क्षेत्र में भारतीय और अन्य विदेशी नागरिकों का अपहरण किया गया है। इन घटनाओं के कारण भारत सरकार ने अपने नागरिकों को माली की यात्रा के संबंध में यात्रा सलाह जारी की है, जिसमें अत्यधिक सावधानी बरतने और अशांत क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
आगे की राह:
भारत सरकार अब अपहृत नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनयिक और सुरक्षा विकल्पों पर विचार कर रही है। इसमें माली सरकार, स्थानीय सुरक्षा बलों और संभवतः मध्यस्थों के साथ बातचीत शामिल हो सकती है। बंधकों के जीवन को प्राथमिकता देते हुए, भारत का लक्ष्य बिना किसी नुकसान के उनकी रिहाई सुनिश्चित करना होगा।
यह घटना उन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ाती है जो अफ्रीका और मध्य पूर्व के संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में काम करते हैं।