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प्रयागराज : महाकुंभ में रविवार की छुट्टी के चलते श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ है। संगम पहुंचने के सभी रास्तों में 10 से 15 किमी लंबा जाम लगा है। जगह-जगह गाडिय़ां फंसी हुई हैं। पूरे शहर में जाम की स्थिति है। प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ को मैनेज करने के लिए इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया गया। भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद कर दिया गया है। जाम में फंसे लोग भूखे, प्यासे, बेहाल है। लोगों को खाने-पीने का भी सामान नहीं मिल पा रहा है। वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और रीवा से प्रयागराज आने और जाने वाले रास्तों में वाहनों की 10-10 किमी तक लंबी लाइन लगी है। लखनऊ लौट रहे श्रद्धालु आकाश द्विवेदी ने बताया- उनकी गाड़ी 3 घंटे से मलाका गांव के जाम में फंसी है। वहीं महाकुंभ से मध्यप्रदेश जा रही श्रद्धालुओं से भरी एक बस सडक़ किनारे पलट गई है। हादसे में एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए हैं। रविवार को सुबह मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में आग लग गई। इसमें एक कल्पवासी टेंट जल गया। सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग को बुझा दिया। प्रयागराज जाने वाहनों की लंबी लाइन प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। 48 घंटे का समय बिताने को है बावजूद इसके सीमा चाकघाट पर वाहनों का दबाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। 48 घंटे बाद भी जहां तकरीबन 28 किलोमीटर का लंबा जाम लगा हुआ है, वहीं जाम में फंसे लोगों का कहना है कि उन्होंने 8 घंटे में महज अब तक केवल 20 किलोमीटर की ही दूरी तय कर पाए हैं। रविवार की सुबह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सीमा में प्रवेश करने वालों को मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना है। रविवार की सुबह से ही सतना, कटनी, जबलपुर की ओर से आने वाले वाहनों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। नेशनल हाईवे 27 पर सात राज्य छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल एवं मध्य प्रदेश के श्रद्धालु के वाहनों की बड़ी संख्या में खड़े हुए हैं। ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा रीवा जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे दावे पूरी तरह से निराधार साबित हो रहे हैं। नेशनल हाईवे पर लगे जाम में फंसे हुए श्रद्धालुओं की मदद करने के लिए अब ग्रामीण सामने आने लगे हैं। उनके द्वारा जहां श्रद्धालुओं को भोजन की व्यवस्था की जा रही है, वहीं रात के समय उन्हें रुकने के लिए भी जगह दी जा रही है। कई स्थानों पर ग्रामीणों ने अलाव की व्यवस्था कर रखी है। अमृत स्नान के बाद बढ़ गई संख्या मेला प्रबंधन एवं सीमावर्ती जिला यानी रीवा जिला प्रशासन इस बात का अंदाजा लगाकर पहले से बैठा था कि अमृत स्नान के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लेकिन अमृत स्नान से उलट अब सामान्य दिनों में भी भीड़ बढ़ी हुई, श्रद्धालुओं की संख्या ने अब मेला प्रबंधन प्रयागराज, जिला प्रशासन एवं मध्य प्रदेश के रीवा जिला प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। यही कारण है की गाड़ी बस बेला से वाया चित्रकूट होने के लिए रूट डायवर्ट किया था। लेकिन उसका भी कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है। इमरजेंसी इंतजाम हो: अखिलेश अखिलेश यादव ने भी कन्नौज के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं से मुलाकात की। वह रात को सैफई जा रहे थे। श्रद्धालुओं से उन्होंने हालचाल पूछे। वहीं अखिलेश यादव ने महाकुंभ के अवसर पर उप्र में वाहनों को टोल मुक्त किया जाने की मांग की है। कहा- इससे यात्रा की बाधा भी कम होगी और जाम का संकट भी। वहीं, महाकुंभ जा रही ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ है। वाराणसी में जगह न मिलने पर महिलाएं ट्रेन इंजन में घुस गईं और गेट बंद कर लिया। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को बाहर निकाला। हरदोई में भी कोच का गेट न खोलने पर नाराज श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। ट्रेन में जमकर तोड़-फोड़ की।

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