Spread the love

सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों को आज एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। घने जंगलों में चलाए गए एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान, कुल 22 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों में 9 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं।

इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में सुकमा डीआईजी कार्यालय और जगदलपुर डीआईजी कार्यालय के साथ-साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कई बटालियनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सुरक्षा बलों के इस समन्वित प्रयास को छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ शासन की प्रभावी ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’ और ‘नियद नेल्ला नार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। इसके अतिरिक्त, अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार स्थापित हो रहे नए सुरक्षा कैंपों के कारण पुलिस का बढ़ता प्रभाव भी नक्सलियों के इस निर्णय का एक प्रमुख कारण बना।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से एक पुरुष और एक महिला पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसी तरह, एक अन्य पुरुष और एक महिला नक्सली पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था। दो पुरुष और पांच महिला नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जबकि एक पुरुष नक्सली पर 50 हजार रुपये का इनाम था। इस प्रकार, आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 40 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

इन नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में जिला बल, डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) सुकमा, रेंज फिल्ड टीम (आरएफटी) कोंटा और सुकमा, सीआरपीएफ की 2, 74, 131, 217, 219, 223, 226, 227, 241 बटालियनों और कोबरा 203 वाहिनी की आसूचना शाखा के कर्मियों ने विशेष भूमिका निभाई। उनकी अथक प्रयासों और खुफिया जानकारी के प्रभावी उपयोग के कारण यह महत्वपूर्ण सफलता मिल सकी।

सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की नई पुनर्वास नीति ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति- 2025’ के तहत प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और कपड़े प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, इन सभी नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकें और एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।

गौरतलब है कि इससे पहले, 8 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में भी 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 6 महिला नक्सली शामिल थीं। आत्मसमर्पण करने वाले उन नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उस आत्मसमर्पण में भी छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति और ‘नियद नेल्लानार’ योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सुकमा में हुआ यह ताजा आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों के लिए एक और बड़ी कामयाबी है और यह दर्शाता है कि सरकार की पुनर्वास नीतियां नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दे रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp