इंदौर: 1 जनवरी से भिखारियों को पैसे देने वालों पर एफआईआर दर्ज होगी। केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने की कोशिश हो रही है। जिला प्रशासन ने भिक्षावृत्ति पर पहले ही रोक लगा दी है। यह अभियान 10 शहरों में चलाया जा रहा है। प्रशासन ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं। एक संगठन भिखारियों को छह महीने तक आश्रय और काम दिलाने में मदद करेगा।

पायलेट प्रोजेक्ट में 10 शहर शामिल
1 जनवरी सेए जो भी व्यक्ति भिखारियों को पैसे देगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रोजेक्ट में 10 शहर शामिल हैं दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद। भिक्षावृत्ति विरोधी अभियान के दौरानए इंदौर प्रशासन ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। प्रोजेक्ट अधिकारी दिनेश मिश्रा ने कहा कि जब हम रिपोर्ट तैयार करते हैंए तो हम पाते हैं कि कुछ भिखारियों के पास पक्का मकान है। साथ ही कुछ के बच्चे बैंक में काम करते हैं।