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by-Ravindra Sikarwar

पुरी (ओडिशा): आस्था और भक्ति के महापर्व, भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा, इस साल भीषण गर्मी और भारी भीड़ के कारण एक बड़ी चुनौती बन गई। शुक्रवार (28 जून, 2025) को आयोजित इस भव्य समारोह के दौरान, दम घोंटने वाली उमस और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण 625 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

घटना का विवरण:
यह घटना तब सामने आई जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विशाल रथों को खींचने के लिए पुरी की सड़कों पर इकट्ठा हुए थे। सुबह से ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास था और हवा में नमी का स्तर बहुत अधिक था, जिससे उमस चरम पर थी। भीड़भाड़ वाले माहौल में, जहां लाखों लोग एक साथ थे, हवा का प्रवाह कम हो गया, जिससे श्रद्धालुओं के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया।

इस दौरान, कई श्रद्धालु डिहाइड्रेशन, चक्कर आने, सांस लेने में तकलीफ, और बेहोशी के शिकार हो गए। स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार, इनमें से अधिकांश मामले लू (heat exhaustion) और दम घोंटने वाली गर्मी (heatstroke) के कारण हुए। कई लोग तो सड़कों पर ही गिर पड़े, जिन्हें तत्काल पुलिस और स्वयंसेवकों ने उठाकर मेडिकल कैंप तक पहुंचाया।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया और राहत कार्य:
स्थानीय प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को संभालने के लिए त्वरित कदम उठाए।

  • मेडिकल कैंप: रथ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह अस्थायी मेडिकल कैंप लगाए गए, जहाँ स्वास्थ्यकर्मियों ने प्राथमिक उपचार देना शुरू किया।
  • एंबुलेंस: स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सैकड़ों एंबुलेंस तैनात की गईं ताकि गंभीर मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके।
  • अस्पताल हाई अलर्ट पर: पुरी के जिला अस्पताल और भुवनेश्वर के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया, जहाँ मरीजों के लिए अतिरिक्त बिस्तर और मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गई।

पुरी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भर्ती कराए गए अधिकांश श्रद्धालुओं की हालत अब स्थिर है और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, कुछ श्रद्धालुओं को निगरानी में रखा गया है।

अधिकारियों और विशेषज्ञों का बयान:
ओडिशा सरकार ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए थे, लेकिन अप्रत्याशित भीड़ और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों ने स्थिति को कठिन बना दिया।

वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे बड़े आयोजनों में लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने सलाह दी है कि:

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर लंबे समय तक खड़े रहने से बचें।
  • अगर बेचैनी महसूस हो, तो तुरंत मदद मांगें।

यह घटना धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और आपदा तैयारी की जरूरत को रेखांकित करती है। प्रशासन अब भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए और बेहतर तैयारियों पर विचार कर रहा है ताकि भक्ति और आस्था के इन महापर्वों में ऐसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।

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