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कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने किया एमपी-पीएससी की निःशुल्क कोचिंग का किया शुभारंभ

 

ग्वालियर। कड़ी मेहनत, सकारात्मक सोच व धैर्य के साथ सतत प्रयास करने पर सफलता अवश्य मिलती है। साथ ही इस बात का ध्यान रहे की ज्ञान से भी ज्यादा पढ़ाई का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। क्या पढ़ना है और क्या नहीं अर्थात सिलेबस के किस टॉपिक को ज्यादा समय देना है और किसको कम यह समझ भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जरूरी है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए शुरू की गई निःशुल्क कोचिंग क्लासेस के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही।

जिला प्रशासन की पहल पर आदर्श परिवार एवं आधुनिक नालंदा संस्था के सहयोग से श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय विज्ञान महाविद्यालय में एमपी पीएससी की तैयारी कराने के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू की गई है।

कलेक्टर श्रीमती चौहान एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने सोमवार को फीता काटकर एवं माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर निःशुल्क कोचिंग क्लासेस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्राचार्य साइंस कालेज बीएस जादौन, सहायक संचालक निःशुल्क कोचिंग क्लासेस राजू सिंह कुशवाह, टीकासर बंसल एवं महेंद्र हंसोरिया और विद्यार्थी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि कोचिंग क्लासेस में विद्यार्थी सुविधाजनक तरीके से अपनी पढ़ाई कर सकें इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कोचिंग क्लास के लिए जल्दी ही चार एयर कंडीशनर उपलब्ध कराए जाएंगे।

कलेक्टर ने कहा कि सफलता में विद्यार्थी की मेहनत का ज्यादा योगदान होता है। कोचिंग दिशा देने का काम करती है। इसलिए कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाए उसका उसी दिन रिवीजन करें। सफलता के लिए हर दिन के परिश्रम का महत्व होता है इसलिए समय का पूरा सदुपयोग करें।

उन्होंने करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए समाचार पत्र एवं प्रतियोगी पत्रिका पढ़ने की सलाह दी। साथ ही कहा कि एनसीआरटी की पुस्तकें सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अधिक उपयोगी रहती हैं। श्रीमती चौहान ने सिविल सेवा परीक्षा के पिछले दस साल  के प्रश्न पत्र हल करने की सलाह भी दी।

शून्य की स्थिति से बचने लें किताब

जिला पंचायत के सीईओ विवेक कुमार ने कहा कि सफलता के लिए धैर्य सबसे अहम होता है। जब मोटिवेशन लेवल नीचे पहुँच जाए तब भी धैर्य बनाएं रखें। शून्य की स्थिति से ऊपर उठने के लिए किताब लेकर बैठ जाएँ, आप स्वयं अनुभव करेंगे कि हम शून्य से ऊपर उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोचिंग क्लासेस विद्यार्थी को उसी तरह सफलता की दिशा दिखाती है, जिस तरह ध्रुव तारे को देखकर पुराने समय में समुद्र में नाविक अपनी मंजिल तय करते थे।  विवेक कुमार ने कहा कि खुद के नोट्स बनाएं और साथ ही स्वयं का मूल्यांकन भी करें।

8 से 10 तक लगेगी कोचिंग

साइंस कॉलेज के कक्ष क्रमांक 77 में प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 10 बजे तक निःशुल्क कोचिंग क्लासेस संचालित होंगी । साइंस कॉलेज के प्राचार्य जादौन ने कहा कि कोचिंग क्लासेस के कक्ष में इंटरनेटयुक्त स्मार्ट पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जरूरत पड़ने पर साइंस कॉलेज में कोचिंग के लिए एक और कक्ष की व्यवस्था कर दी जाएगी।

By admin

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