रांचीः झारखण्ड सरकार और केन्द्र सरकार इस दिनों आमने सामने है। झारखण्ड सरकार केन्द्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रूपए बकाया राशि पर दावा कर रहा है तो वहीं केन्द्र सरकार ने दावा को ठुकरा दिया है। जिसके चलते राजनीति गर्माई होई है। बता दें कि सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में झारखंड के रॉयल्टी कोयला से राजस्व के रूप में अर्जित कर का केन्द्र सरकार पर बकाया को लेकर सवाल उठाया था। जिस पर केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चैधरी ने सदन में दिए अपने लिखित जबाव में कहा कि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का कोई हिस्सा केन्द्र सरकार के पास लंबित नहीं है।
कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी राज्य सरकार
बता दें कि केंद्र सरकार और कोयला कंपनियों पर झारखंड के कोयला रॉयल्टी के रूप में राज्य को मिलने वाली 1.36 लाख करोड़ रुपए बकाया की मांग हेमंत सोरेन सरकार लगातार कर रही है बता दें कि राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही कैबिनेट में घोषणा किया था कि राज्य सरकार केंद्र से अपना बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी
केंद्र सरकार पर कोई बकाया लंबित नहीं
वहीं अब लोकसभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में कोयले से मिले 1.40 लाख करोड़ रुपए के राजस्व के रूप में अर्जित कर में झारखंड सरकार का कोई हिस्सेदारी केंद्र सरकार पर के पास लंबित नहीं है, इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक पर पोस्ट करते हुए झारखंड बीजेपी के सांसदों से अपील की और कहा कि उम्मीद हैए वह हमारे इस जायज मांग को दिलवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे, झारखंड के विकास के लिए यह राशि मिलना बहुत आवश्यक है,
कोयला मंत्री को लिखा पत्र
बता दें कि मार्च 2022 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के नाम पत्र लिखकर यह दावा किया था कि झारखंड का कोयला कंपनियों पर 1.36 लाख करोड़ बकाया है मुख्यमंत्री हेमंत के मुताबिक वॉश्ड कोल रॉयलटी मद में 2,900 करोड़, एमडीडीआर एक्ट के सेक्शन 21.5 के तहत 32,000 करोड़ और जमीन मुआवजा मद में 1,01,142 करोड़ यानी कुल 1,36,042 करोड़ रुपए का बकाया है
