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खुरई: मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया, जब पूर्व गृह मंत्री और खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह ने एक चौंकाने वाला आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कुछ नेता मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं, जिसमें तंत्र-मंत्र और जादू-टोना जैसी क्रियाएं शामिल हैं। यह सनसनीखेज बयान सोमवार को खुरई में एक विकास कार्यक्रम के दौरान दिया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

बयान का विवरण:
भूपेंद्र सिंह ने अपने भाषण में कहा, “रात 9 बजे के बाद, भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेता एक साथ बैठकर मेरे खिलाफ साजिश रचते हैं। वे पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र और जादू-टोना जैसी क्रियाएं करते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य खुरई के विकास को रोकना है। इसके लिए वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं।” जब उनसे इस बयान के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने कहा कि उनका तात्पर्य उन कांग्रेसी नेताओं से है जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं।

राजनीतिक निहितार्थ:
भूपेंद्र सिंह का यह बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। उनके इस आरोप ने उन नेताओं पर सीधा निशाना साधा है, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। यह पहली बार नहीं है जब भूपेंद्र सिंह ने ऐसे नेताओं के खिलाफ खुलकर बोला है। उनके बयान से पार्टी के भीतर की गुटबाजी और असंतोष खुलकर सामने आ गया है।

चाणक्य नीति का संदर्भ:
विकास कार्यक्रम के दौरान, भूपेंद्र सिंह ने चाणक्य नीति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “चाणक्य नीति के अनुसार, जब सभी चोर एक साथ मिल जाएं, तो समझ लेना चाहिए कि राजा ईमानदार है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि खुरई के विकास को रोकने के लिए ‘लाक्षागृह’ जैसी साजिशें रची जा रही हैं, जिसमें तंत्र-मंत्र और जादू-टोना का सहारा लिया जा रहा है।

पृष्ठभूमि:
भूपेंद्र सिंह अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहले भी कई बार कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं पर निशाना साधा है। उनके इस ताजा बयान ने पार्टी के भीतर की कलह को और बढ़ा दिया है।

प्रतिक्रियाएं:
इस बयान के बाद, राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है।

निष्कर्ष:
भूपेंद्र सिंह का यह बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय खोलता है। उनके आरोपों ने न केवल राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है, बल्कि पार्टी के भीतर की आंतरिक कलह को भी उजागर किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है और पार्टियां इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती हैं।

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