by-Ravindra Sikarwar
ग्वालियर, मध्य प्रदेश: ग्वालियर से ताल्लुक रखने वाले मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर अपने अनूठे संकल्पों के कारण सुर्खियों में हैं। भीषण गर्मी के इस मौसम में उन्होंने घोषणा की है कि वह जून के पूरे महीने तक एयर कंडीशनर (एसी) और कार का उपयोग नहीं करेंगे। इसके बजाय, वे अपने घर के पास एक पार्क में, पंखे के साथ एक वाटरप्रूफ टेंट में सोएंगे। उनके इस कदम का उद्देश्य बिजली बचाने के लिए जन जागरूकता फैलाना है।
अपरंपरागत संकल्पों का इतिहास:
मंत्री तोमर अपने असाधारण और अक्सर व्यक्तिगत प्रतिज्ञाओं के लिए जाने जाते हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने जनहित के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए इस तरह के संकल्प लिए हों। उनके ये कदम अक्सर जनता के बीच चर्चा का विषय बन जाते हैं और एक अलग तरह का संदेश देते हैं।
संकल्प का उद्देश्य: बिजली बचत को बढ़ावा
जून का महीना मध्य प्रदेश में अत्यधिक गर्मी के लिए जाना जाता है, जब बिजली की खपत अपने चरम पर होती है। ऐसे समय में मंत्री तोमर का यह निर्णय बिजली बचाने के महत्व को रेखांकित करता है। उनका मानना है कि जब एक मंत्री स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर ऐसी पहल करता है, तो जनता भी उससे प्रेरित होकर बिजली के विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति जागरूक होती है। पार्क में सोना और एसी-कार का त्याग करना, सीधे तौर पर यह संदेश देता है कि ऊर्जा संरक्षण केवल सरकारी नीतियों से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रयासों से भी संभव है।
आम जनता पर प्रभाव की उम्मीद:
मंत्री तोमर के इस ‘नो एसी, नो कार’ संकल्प से आम जनता में बिजली बचत को लेकर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। उनके इस कदम को एक प्रतीकात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो लोगों को अपने घरों और कार्यालयों में बिजली के अनावश्यक उपयोग को कम करने के लिए प्रेरित कर सकता है। सरकार जहां एक ओर ऊर्जा संरक्षण के लिए नीतियां बनाती है, वहीं मंत्री का यह व्यक्तिगत उदाहरण जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में सहायक हो सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री तोमर का यह संकल्प जून महीने में बिजली की खपत पर कितना असर डालता है और अन्य लोग इस पहल से कितनी प्रेरणा लेते हैं।