
नई दिल्ली: 25 मई 2025 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इनमें से एक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित था, जबकि दूसरा प्रस्ताव जाति जनगणना के समर्थन में रहा। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी जातिगत राजनीति में विश्वास नहीं करती, बल्कि वंचितों को मुख्यधारा में लाने पर केंद्रित है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जाति जनगणना पर प्रस्ताव
सी एम कॉन्क्लेव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्रस्ताव राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रखा, जिसे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समर्थन दिया। जेपी नड्डा ने बताया कि इस प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना के कार्यों और उनकी बहादुरी की सराहना की गई।
वहीं, जाति जनगणना के समर्थन में प्रस्ताव हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा पेश किया गया, जिसका समर्थन आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने किया। नड्डा ने कहा, “आज की बैठक में जाति जनगणना पर भी प्रस्ताव पारित किया गया और सभी ने इस पर अपनी सहमति दी है। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले की प्रशंसा की है और उन्हें बधाई दी है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम जाति की राजनीति नहीं करते हैं, बल्कि वंचित, पीड़ित और शोषित, जो वंचित रह गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। यह समाज की जरूरत है।”
नक्सलवाद और आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा
बैठक में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में मिली सफलताओं पर बात की। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और उन्हें मुख्यधारा में लाने की योजनाओं पर जोर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नक्सलवाद को लेकर रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
नड्डा ने जानकारी दी कि इस कॉन्क्लेव में एनडीए के 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री मौजूद थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस सफल आयोजन की सराहना की है।